सुन सुन सुन दीवाने सुन सुन सुन
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सुन सुन सुन दीवाने सुन सुन सुन
धड़कन के हर द्वारे पर जीवन के इकतारे पर सांसों की ये धुन
ये नगरी बाजार ठगों का मक्कारों का घेरा, तेरा न मेरा
जाने किस दिन लुट जायेगा अपना रैन बसेरा, ये जोगी फेरा
दुनिया की गहराई में, झूठ में और सच्चाई में, अपना रास्ता चुन
सुन सुन सुन दीवाने सुन सुन सुन
मुल्ला पंडित ज्ञानी ध्यानी सरे लोग अभागे, हैं उलझे धागे
एक धर्म है मंदिर मस्जिद गुरुद्वारों से आगे, कोई तो जागे
सुख के माल खजाने से, दुःख के ताने बाने से, प्यार की चादर बुन
सुन सुन सुन दीवाने सुन सुन सुन
उजले उजले कपड़ों वाले सब हैं मन के काले, बड़े घोटाले
हम आँसू के घूँट पिएं और ये मदिरा के प्याले, ये खद्दर वाले
जितने सत्ताधारी है, इस धरती पर भरी हैं, सब हैं पिके टुन
सुन सुन सुन दीवाने सुन सुन सुन
चलते चलते थक जायेगा जीवन का बंजारा, ये है बेचारा
साथ बहाकर ले जाएगी तेरा घर चौबारा, समय की धारा
सारी खेती वाड़ी को, तेरी घोडा गाड़ी को, लग जायेगा घुन
सुन सुन सुन दीवाने सुन सुन सुन
पेट की पापी खाई को हमने जीवन भर है पाटा, है गीला आटा
हलवा पूरी चटनी चूरी कैसा नान पराठा, सभी में घाटा
पगले प्यार का मेवा चख, एक तरफ सब चीजें रख, दाल नमक साबुन
सुन सुन सुन दीवाने सुन सुन सुन
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